शिवलिंगी


शिवलिंगी के बीज का वैसे तो कोई खास नुकसान नहीं देखा गया है. लेकिन कुछ आम सावधानियां जो कि सभी दवाओं को लेने में बरतनी चाहिए, उन्हें जरुर फॉलो करें. शिवलिंगी बीज से बनी दवाओं को जरूरत से ज्यादा मात्रा में न लें. जब भी किसी बीमारी के लिए शिवलिंगी बीज का इस्तेमाल करना हो तो किसी आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य लें.


 इन बीजों में एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटीमाइक्रोबायल, एनाल्‍जेसिक, एंटी-फंगल, दर्द कम करने वाले, एंटीहाइपरलिपिडेमिक(लिपिड को कम करने वाले) और शुक्राणु को बढ़ाने बाले गुण होते हैं। ये गुण इसे प्रभावी गर्भाशय टॉनिक (uterine tonic) बनाते हैं जो महिलाओं में बांझपन का इलाज करने में मदद करते हैं।
शिवलिंगी बीज एक कड़वा तेज स्‍वाद के लिए जाना जाता है। प्रमाणित या पेशेवर पर्यवेक्षण के तहत उपयुक्‍त मात्रा में सेवन करने पर अधिकांश व्‍यक्तियों के लिए यह सुरक्षित और फायदेमंद होता है। आइऐ जाने शिवलिंगी (Bryonia Laciniosa) से होने वाले फायदे जो आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक है।
भारतीय आयुर्वेद के अनुसार यह अपनी पत्तियों के माध्यम से दर्द और सूजन को कम करता है। इसके बीज के माध्यम से यौन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। आज, शिवलिंगी मुख्य रूप से प्राकृतिक कामोद्दीपक औषधि ओर प्रजनन क्षमता को बढ़ाने वाली जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसे मर्दाना ताकत और जवानी (masculinity and youthfulness) को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।

महिला प्रजनन क्षमता (female fertility) को बढ़ाने के लिए शिवलिंगी बीज फायदेमंद होते हैं, और माना जाता है कि शिवलिंगी का सेवन करने वाली महिला के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग बांझपन उपचार के लिए किया जाता है । यह महिला बांझपन के इलाज के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। यह हार्मोन को संतुलित करने और प्राकृतिक रूप से बांझपन उपचार में मदद करता है। फायदेमंद परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे नियमित रूप से लिया जा सकता है। शिवलिंगी बीज बांझपन उपचार के लिए इस्‍तेमाल होने वाली उम्र से सम्बंधित समस्याओं के लिए जाना जाता है। यह मादा अंगों को पोषण प्रदान करता है और सामान्‍य कामकाज का समर्थन करता है। शिवलिंगी बीज परंपरागत रूप से मादा अंगों को पोषित करने और गर्भवस्‍था को बनाए रखने के लिए हार्मोन को संतुलित करने के लिए जाना जाता है। यह बार-बार होने बाले गर्भपात से पीड़ित महिलाओं के लिए एक बहुत अच्‍छा प्राकृतिक उत्‍पाद है।

अच्‍छे परिणाम पाने के लिए शिवलिंगी बीज का इस्‍तेमाल पुत्रीजीवक बीज के साथ किया जा सकता है। शिवलिंगी बीज मादा हार्मोन को संतुलित करके मासिक धर्म विकारों के इलाज में मदद करता है। शिवलिंगी बीज सामान्‍य कार्यों के लिए यौन अंगों को पोषण देता है और बांझपन के उपचार में मदद करता है। शिवलिंगी बीज महिला बांझपन के लिए एक सुरक्षित उत्‍पाद है और इसे लंबे समय तक लिया जा सकता है क्‍योंकि यह किसी दुष्‍पभाव का उत्‍पादन नहीं करता है।
शिवलिंगी बीज का प्रयोग टेस्‍टोस्‍टेरोन बढ़ाने में – 
शिवलिंगी का उपयोग पारंपरिक रूप से एफ्रोडायसियाक और प्रजनन (aphrodisiac and fertility) बूस्‍टर के लिए किया जाता है। शिवलिंगी टेस्‍टोस्‍टेरोन उत्पादन को उत्तेजित करके टेस्‍टोस्‍टेरोन के स्तर में वृद्धि कर सकता है। एक पशु अध्ययन में बताया गया है कि शिवलिंगी को ल्‍युटिनिजिंग हार्मोन का स्राव बढ़ाने के लिए हाइपोथेलेकिम-पिट्यूटरी-ग्लैंड (hypothalamic-pituitary-gonadal)  को प्रभावित करने के लिए दिखाया गया था, जो बाद में टेस्‍टोस्‍टेरोन उत्पादन में वृद्धि करता है। टेस्‍टोस्‍टेरोन के स्तर को जिन्सेंग (Ginseng) और कई अन्य आयुर्वेदिक टेस्‍टोस्‍टेरोन बूस्‍टर में उसी मार्ग के माध्‍यम से बढ़ाते दिखाया गया है। शिवलिंगी बीज पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्‍या बढ़ाने और यौन व्‍यवहार को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं।
शिविलिंगी में सैपोनिन (saponins) की उच्च मात्रा संभावित रूप से कुछ अन्य अज्ञात तंत्र के माध्यम से टेस्‍टोस्‍टेरोन को सक्रिय भी कर सकती है
आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा शिवलिंगी बीजों को पुरुष यौन स्‍वास्‍थ्‍य पर उनके सकारात्‍मक प्रभाव के कारण एक शक्तिशाली कामोद्दीपक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इन बीजों का उचित मात्रा एपिडिडिस, वृषण और पौरुषग्रंथि (testes and prostate) जैसे महत्‍वपूर्ण पुरुष यौन अंगों के वजन को बढ़ाने के लिए पाया गया है। न केवल यह शुक्राणुओं की संख्‍या में वृद्धि करने में मदद करता है बल्कि यह शुक्राणु कोशिकाओं में फ्रक्‍टोज सामग्री (fructose) को बढ़ाकर शुक्राणु तरल पदार्थ के पोषण स्‍तर को भी बढ़ावा देता है। ये सभी पुरुष कामेच्छा और प्रजनन क्षमता के लिए लाभदायक होते हैं।
शिवलिंगी बीज के फायदे बुखार को कम करने में – 
आयुर्वेद में बुखार, ज्वर निवारक और पीड़ा-नाशक प्रभावों को दूर करने के लिए शिवलिंगी बीज का उपयोग किया जाता है। शिवलिंगी पत्तियों की ज्वर हटाने वाली क्रिया (antipyretic action) पैरासिटामोल की तरह होती है जो हमारे शरीर के तापक्रम को कम कर बुखार को दूर करने में मदद करते हैं।
शिवलिंगी के बीज का उपयोग कब्ज के इलाज में – 
ग्‍लूकोमन (glucomannan) नामक प्राकृतिक आहार फाइबर शिवलिंगी बीजों में पाया जाता है, जो पानी में घुलनशील फाइबर होता है। यह पानी को अवशोषित करके आंत में पानी की मात्रा को अधिक बनाता है और आंत्र आंदोलन (bowel movement) में मदद करता है, जिससे मल त्यागने में आसानी होती है। इस प्रकार कब्ज के लिए प्रभावी इलाज के रूप में कार्य क
शिवलिंगी शिवलिंगी Reviewed by vikram beer singh on January 13, 2019 Rating: 5

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